अनिश्चित

सब कुछ ही अनिश्चित है

तुम,मैं ,हम और ये प्यार

क्या रहेगा और क्या टूटेगा

समय के सिवा और किसको पता!!


फिर भी ख्वाब देखती हूं मैं

तुम्हारा हाथ में मेरी हाथ रखना

 तुम्हारा सांसों में मेरी सास जोड़ना

और कीई एक चांदनी रात में

तुम्हारा बाहों में मेरी सर छिपाना,


तुम जव मेरी साथ होता

मैं दुनिया की सबसे खूबसूरत इंसान बन जाती

तुम मेरी पास होने की एहसास से

दिल को सुकून मिल जाती


अनिश्चित है

फिर भी आशा झलकती

सब कुछ अनिश्चित है

फिर भी प्यार हो ही जाती...


  





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